भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वर्ष 2024 में कई सहकारी बैंकों के लाइसेंस रद्द किए हैं। इसी क्रम में 27 दिसंबर को बिहार के वैशाली शहरी विकास सहकारी बैंक लिमिटेड, हाजीपुर का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। आरबीआई ने इस बैंक को 30 दिसंबर से सभी बैंकिंग गतिविधियां बंद करने का आदेश दिया है।
लाइसेंस रद्द करने का कारण
आरबीआई के अनुसार, वैशाली शहरी विकास सहकारी बैंक की वित्तीय स्थिति कमजोर थी। बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं थी और कमाई की संभावनाएं भी खत्म हो चुकी थीं।
- कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन: बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 56, धारा 11(1), और धारा 22 (3)(डी) के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया।
- जमाकर्ताओं के लिए खतरा: आरबीआई ने स्पष्ट किया कि बैंक का संचालन जारी रहना जमाकर्ताओं के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
बैंकिंग गतिविधियां पूरी तरह बंद
लाइसेंस रद्द होने के बाद, वैशाली शहरी विकास सहकारी बैंक को:
- नए जमा स्वीकार करने की अनुमति नहीं होगी।
- जमा राशि का पुनर्भुगतान करने की अनुमति भी नहीं होगी।
यह फैसला जमाकर्ताओं की सुरक्षा और जनहित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
डीआईसीजीसी द्वारा जमा राशि की गारंटी
आरबीआई ने जमाकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत 5 लाख रुपये तक की जमा बीमा गारंटी लागू की है।
महत्वपूर्ण जानकारी:
- बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 98.87% जमाकर्ता अपनी जमा राशि प्राप्त करने के पात्र हैं।
- डीआईसीजीसी ने अब तक 5832.80 लाख रुपये की राशि का भुगतान कर दिया है।
जमाकर्ताओं पर प्रभाव
इस फैसले का मुख्य उद्देश्य जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करना है।
- सीमित क्षति: अधिकांश जमाकर्ताओं को 5 लाख रुपये तक की जमा बीमा राशि मिलने का भरोसा दिया गया है।
- आर्थिक सुरक्षा: डीआईसीजीसी के माध्यम से जल्द से जल्द जमाकर्ताओं को उनकी राशि प्रदान की जा रही है।
हालांकि, बड़े जमाकर्ताओं को उनकी जमा राशि के लिए कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
आरबीआई के लगातार सख्त कदम
2024 में आरबीआई ने अब तक 11 बैंकों के लाइसेंस रद्द किए हैं। यह दर्शाता है कि केंद्रीय बैंक देश की बैंकिंग प्रणाली को सुधारने और कमजोर वित्तीय संस्थानों पर सख्ती से कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।
आरबीआई की रणनीति:
- कमजोर बैंकों की पहचान: वित्तीय स्थिति खराब होने वाले बैंकों पर नजर रखना।
- जनहित की रक्षा: ऐसे बैंकों के खिलाफ कार्रवाई करना, जो जमाकर्ताओं के पैसे को सुरक्षित नहीं रख पा रहे।
- बैंकिंग प्रणाली को मजबूत बनाना: देश में भरोसेमंद और स्थिर बैंकिंग प्रणाली सुनिश्चित करना।
क्या है जमाकर्ताओं के लिए अगला कदम?
जिन जमाकर्ताओं ने वैशाली शहरी विकास सहकारी बैंक में पैसा जमा किया था, उन्हें अपनी बीमा राशि प्राप्त करने के लिए डीआईसीजीसी से संपर्क करना होगा।
प्रक्रिया:
- बैंक द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, सभी पात्र जमाकर्ताओं को 5 लाख रुपये तक की राशि का दावा करने का अधिकार है।
- डीआईसीजीसी की प्रक्रिया सरल और तेज है, जिससे अधिकांश जमाकर्ताओं को जल्द ही उनकी राशि मिल जाएगी।
भविष्य के लिए सबक
यह घटना उन जमाकर्ताओं के लिए एक चेतावनी है, जो सहकारी बैंकों में पैसा जमा करते हैं।
क्या करें:
- हमेशा बैंक की वित्तीय स्थिति की जांच करें।
- बड़े संस्थानों और भरोसेमंद बैंकों को प्राथमिकता दें।
- डीआईसीजीसी द्वारा कवर किए गए बैंकों में ही पैसा जमा करें।
वैशाली शहरी विकास सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द करना आरबीआई का एक सख्त लेकिन आवश्यक कदम है। यह फैसला जमाकर्ताओं की सुरक्षा और बैंकिंग प्रणाली की स्थिरता के लिए लिया गया है। डीआईसीजीसी के माध्यम से जमाकर्ताओं को उनकी जमा राशि प्रदान की जा रही है, जिससे उनके नुकसान को कम किया जा सके।
आरबीआई की यह कार्रवाई बैंकिंग क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जमाकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे भविष्य में पैसा जमा करते समय सतर्क रहें और वित्तीय संस्थानों की विश्वसनीयता पर विशेष ध्यान दें।