अगर आपके पास बैंक खाता है, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 जनवरी 2025 से बैंक खातों के नियमों में बड़े बदलाव करने का ऐलान किया है। इन नए नियमों का उद्देश्य बैंकिंग सिस्टम को ज्यादा सुरक्षित, पारदर्शी और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाना है। हालांकि, इन बदलावों का असर आपकी जेब और बैंकिंग व्यवहार पर पड़ सकता है।
आइए, विस्तार से जानते हैं कि इन नियमों में क्या बदलाव किए गए हैं, कौन-कौन से खातों पर इनका असर होगा, और आप इनसे कैसे बच सकते हैं।
नए बैंकिंग नियमों की मुख्य बातें
1. लागू होने की तारीख
ये नए नियम 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होंगे।
2. प्रभावित खाते
नियम मुख्य रूप से निम्नलिखित खातों पर लागू होंगे:
- निष्क्रिय (Inactive) खाते
- डॉरमेंट (Dormant) खाते
- लंबे समय तक शून्य बैलेंस वाले खाते
3. निष्क्रिय खाता
अगर किसी खाते में 12 महीने तक कोई लेनदेन नहीं हुआ है, तो उसे निष्क्रिय घोषित कर दिया जाएगा।
4. डॉरमेंट खाता
24 महीने तक बिना लेनदेन वाले खाते को डॉरमेंट माना जाएगा।
5. शून्य बैलेंस खाता
जो खाते लंबे समय से शून्य बैलेंस पर हैं, उन्हें बंद किया जा सकता है।
6. नए फीचर्स
1 अप्रैल 2025 से RTGS और NEFT में लाभार्थी का नाम वेरिफाई करने का नया फीचर जोड़ा जाएगा।
निष्क्रिय खातों पर असर
यदि आपका खाता पिछले 12 महीनों से निष्क्रिय है, तो बैंक निम्नलिखित कदम उठा सकता है:
- खाता फ्रीज कर दिया जाएगा।
- डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग की सुविधा बंद हो जाएगी।
- चेक बुक जारी नहीं होगी।
- खाता फिर से चालू करने के लिए आपको बैंक जाकर KYC अपडेट कराना होगा।
डॉरमेंट खातों पर असर
यदि आपका खाता 24 महीने से अधिक समय तक डॉरमेंट है, तो नियम और सख्त हो जाते हैं:
- खाता ऑटोमेटिकली बंद कर दिया जाएगा।
- खाते में मौजूद राशि को सस्पेंस अकाउंट में ट्रांसफर किया जाएगा।
- आपको खाता बंद होने का नोटिफिकेशन मिलेगा।
- खाता दोबारा चालू करने के लिए पूरी KYC प्रक्रिया फिर से करनी होगी।
शून्य बैलेंस वाले खातों पर असर
लंबे समय से शून्य बैलेंस वाले खातों के लिए भी नए नियम लागू होंगे:
- बैंक पहले आपको वॉर्निंग देगा।
- खाते में बैलेंस रखने के लिए समय सीमा दी जाएगी।
- समय सीमा खत्म होने के बाद खाता बंद कर दिया जाएगा।
RTGS और NEFT में नया अपडेट
1 अप्रैल 2025 से RTGS और NEFT में एक नया फीचर जोड़ा जाएगा, जिससे लाभार्थी का नाम वेरिफाई किया जा सकेगा।
फायदे:
- गलत खाते में पैसे जाने की संभावना खत्म।
- यह सुविधा UPI और IMPS जैसी सुरक्षित होगी।
- कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा।
खाता बंद होने से बचने के उपाय
अगर आप इन नियमों से बचना चाहते हैं, तो आपको अपने बैंकिंग व्यवहार में बदलाव करने होंगे।
1. नियमित लेनदेन करें
हर 3-4 महीने में एक बार अपने खाते में ट्रांजैक्शन करें।
2. न्यूनतम बैलेंस बनाए रखें
खाते में हमेशा न्यूनतम बैलेंस बनाए रखें।
3. डिजिटल बैंकिंग का उपयोग करें
नेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग का अधिक इस्तेमाल करें।
4. KYC अपडेट कराएं
समय-समय पर अपने KYC डॉक्यूमेंट्स को अपडेट कराएं।
5. बैंक के नोटिस पर ध्यान दें
बैंक द्वारा भेजे गए मैसेज और नोटिफिकेशन को अनदेखा न करें।
अगर खाता फ्रीज हो जाए तो क्या करें?
अगर आपका खाता फ्रीज हो गया है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। इसे दोबारा एक्टिव करने के लिए ये कदम उठाएं:
- अपनी बैंक शाखा में जाएं।
- KYC डॉक्यूमेंट्स अपडेट कराएं।
- खाता एक्टिवेशन फॉर्म भरें।
- एक छोटा ट्रांजैक्शन करें।
- 1-2 दिन में आपका खाता फिर से चालू हो जाएगा।
नए नियम का उद्देश्य
1. बैंकिंग फ्रॉड रोकना
नए नियमों से धोखाधड़ी की घटनाओं में कमी आएगी।
2. संसाधनों का सही इस्तेमाल
निष्क्रिय और शून्य बैलेंस वाले खातों को बंद करके बैंक अपने संसाधनों का बेहतर उपयोग कर सकेगा।
3. डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा
नियम डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने में मदद करेंगे।
4. ग्राहकों का डेटा अपडेट रखना
KYC अपडेट रहने से ग्राहकों का डेटा हमेशा सही रहेगा।
ग्राहकों के लिए जरूरी सलाह
अगर आप बैंक ग्राहक हैं, तो इन नियमों के बाद अपने खातों को एक्टिव रखने के लिए ये कदम उठाएं:
- सभी खातों की नियमित जांच करें।
- गैर-ज़रूरी खातों को बंद कर दें।
- नियमित रूप से खाते में लेनदेन करें।
- डिजिटल बैंकिंग का ज्यादा इस्तेमाल करें।
- अपने KYC डॉक्यूमेंट्स अपडेट रखें।
- बैंक द्वारा भेजे गए मैसेज और नोटिफिकेशन पर ध्यान दें।
RBI के ये नए नियम बैंकिंग सिस्टम को ज्यादा सुरक्षित और कुशल बनाने के लिए लागू किए जा रहे हैं। हालांकि, ग्राहकों को इन बदलावों के अनुसार अपने बैंकिंग व्यवहार में सुधार करना होगा। नियमित लेनदेन, KYC अपडेट और डिजिटल बैंकिंग का उपयोग आपको किसी भी असुविधा से बचा सकता है।
तो, 1 जनवरी 2025 से लागू होने वाले इन बदलावों के लिए तैयार हो जाइए और अपने खाते को हमेशा एक्टिव रखें।