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RBI ने होम लोन वालों को दी बड़ी राहत, आप भी जान लें ये नए नियम

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अगर आप होम लोन ले चुके हैं या लेने की योजना बना रहे हैं, तो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए गए नए नियम आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इन नियमों का उद्देश्य कर्जदारों को लोन चुकाने में राहत प्रदान करना है। अब होम लोन धारकों को अपनी EMI बढ़ाने या लोन की अवधि (टेन्योर) बढ़ाने का विकल्प मिलेगा। आइए, विस्तार से जानते हैं इन नए नियमों और होम लोन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां।

RBI के नए नियम: क्या बदलाव हुए हैं?

आरबीआई ने होम लोन धारकों के लिए एक नया सर्कुलर जारी किया है। इसमें कहा गया है कि कर्जदारों को लोन चुकाने के दौरान EMI बढ़ाने या लोन की अवधि बढ़ाने का विकल्प दिया जाएगा। ब्याज दरों में बदलाव होने पर कर्जदार इन दोनों विकल्पों का संयोजन भी अपना सकते हैं।

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इससे पहले, ब्याज दर बढ़ने पर बैंकों द्वारा लोन की अवधि बढ़ाई जाती थी ताकि EMI में कोई बदलाव न हो। हालांकि, लोन की अवधि बढ़ने से कुल ब्याज भुगतान बढ़ जाता था, जिससे कर्जदारों को अधिक पैसे चुकाने पड़ते थे। नए नियमों के तहत, कर्जदार अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार EMI या टेन्योर का चुनाव कर सकते हैं।

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EMI और लोन अवधि का विकल्प: क्या फायदा है?

जब ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो कर्जदारों को दो विकल्प दिए जाते हैं:

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  1. EMI बढ़ाना: मासिक किश्त बढ़ाकर लोन की अवधि को कम रखा जा सकता है।
  2. लोन अवधि बढ़ाना: EMI को समान रखते हुए लोन चुकाने की अवधि बढ़ाई जा सकती है।

अब, आरबीआई ने इन दोनों विकल्पों को संयोजन में अपनाने की सुविधा भी दी है। इससे कर्जदार अपनी जरूरत और आर्थिक स्थिति के अनुसार फैसला ले सकते हैं।

नए नियमों से कर्जदारों को लाभ

  1. वित्तीय बोझ में कमी: EMI बढ़ाए बिना लोन की अवधि बढ़ाने का विकल्प मिलने से मासिक खर्च में राहत मिलेगी।
  2. लचीले विकल्प: EMI और टेन्योर का संयोजन अपनाने से कर्जदार अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर तरीके से संभाल सकते हैं।
  3. कम ब्याज भुगतान: यदि कर्जदार EMI बढ़ाने का विकल्प चुनते हैं, तो लोन जल्दी चुकता होगा और ब्याज का भुगतान कम होगा।

होम लोन लेते समय ध्यान रखने योग्य बातें

1. आर्थिक स्थिति का आकलन करें

होम लोन लेने से पहले अपनी आय, खर्च और अन्य कर्ज का मूल्यांकन करें। यह सुनिश्चित करें कि आप जितनी राशि का लोन ले रहे हैं, उसे चुकाना आपके लिए संभव हो।

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2. ब्याज दरों की तुलना करें

अलग-अलग बैंकों की ब्याज दरों, लोन अमाउंट और प्रोसेसिंग शुल्क की तुलना करें। इससे आपको सबसे उपयुक्त विकल्प चुनने में मदद मिलेगी।

3. क्रेडिट स्कोर सुधारें

आपका क्रेडिट स्कोर लोन की ब्याज दर और स्वीकृति पर प्रभाव डालता है। अच्छा क्रेडिट स्कोर रखने से आपको कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है।

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4. लोन की अवधि कम रखें

लोन की अवधि कम रखने से ब्याज भुगतान कम होता है। अधिक डाउन पेमेंट करके लोन की राशि और अवधि को कम कर सकते हैं।

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5. लोन बीमा कराएं

होम लोन के साथ बीमा लेने से अप्रत्याशित परिस्थितियों में लोन चुकाने की जिम्मेदारी बीमा कंपनी की होगी।

6. एग्रीमेंट ध्यान से पढ़ें

लोन के सभी नियम और शर्तों को समझने के बाद ही एग्रीमेंट पर साइन करें।

आरबीआई के नए नियम होम लोन धारकों के लिए राहत का कारण बन सकते हैं। EMI और लोन की अवधि बढ़ाने का विकल्प देकर कर्जदारों को अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार लोन चुकाने की सुविधा दी गई है। यदि आप होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें और सही निर्णय लें। इससे न केवल आपका लोन चुकाना आसान होगा, बल्कि आर्थिक बोझ भी कम होगा।

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