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साल में दो बार होगी बोर्ड कक्षाओं की परीक्षा, 11वीं और 12वीं के सेमेस्टर सिस्टम को लेकर शिक्षा मंत्री का प्लान School Board Exam

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केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हाल ही में शिक्षा क्षेत्र में बड़े बदलावों की घोषणा की है। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य छात्रों पर पढ़ाई और परीक्षा का तनाव कम करना और शिक्षा को अधिक समावेशी व प्रभावी बनाना है। वर्ष 2026-27 से 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में नई प्रणाली लागू होगी। आइए, इन बदलावों और उनके लाभों को विस्तार से समझते हैं।

साल में दो बार होगी बोर्ड परीक्षा

शिक्षा मंत्री ने घोषणा की है कि वर्ष 2026-27 से 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। इस नई प्रणाली का उद्देश्य छात्रों पर परीक्षा का भारी दबाव कम करना है।

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  • मुख्य उद्देश्य: परीक्षा का तनाव घटाना और छात्रों को बेहतर प्रदर्शन के अधिक अवसर देना।
  • लाभ: छात्रों को दो अवसर मिलेंगे, जिससे वे अपने प्रदर्शन को सुधार सकते हैं।

11वीं और 12वीं कक्षा में सेमेस्टर सिस्टम लागू

नई शिक्षा प्रणाली के तहत 11वीं और 12वीं कक्षा में सेमेस्टर प्रणाली लागू की जाएगी।

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  • क्या है सेमेस्टर सिस्टम?
    इसमें सालभर की पढ़ाई को छोटे-छोटे चरणों में बांटकर पढ़ाई और मूल्यांकन किया जाएगा।
  • लाभ:
    • छात्रों को विषयों की गहराई से समझने का मौका मिलेगा।
    • नियमित पढ़ाई की आदत विकसित होगी।
    • एक साथ भारी सिलेबस का दबाव कम होगा।

छात्रों के लिए तनाव मुक्त शिक्षा प्रणाली

नई शिक्षा प्रणाली का मुख्य उद्देश्य छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना और उन्हें तनाव मुक्त शिक्षा प्रदान करना है।

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  • परीक्षा का तनाव होगा कम:
    बोर्ड परीक्षा साल में दो बार होने से छात्रों को अपनी पढ़ाई और तैयारी के लिए अधिक समय मिलेगा।
  • निष्पक्ष मूल्यांकन:
    छात्रों को अपनी कमजोरियों को पहचानने और उन्हें सुधारने के अधिक अवसर मिलेंगे।

नीट 2025 में बड़े बदलाव की तैयारी

शिक्षा मंत्री ने संकेत दिया है कि नीट यूजी 2025 के फॉर्मेट में बदलाव किया जाएगा।

  • सहयोग: स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर नए फॉर्मेट पर काम हो रहा है।
  • लक्ष्य: छात्रों को बेहतर तैयारी और निष्पक्ष मूल्यांकन का अवसर प्रदान करना।
  • आश्वासन: बदलाव ऐसा होगा जिससे छात्रों को कठिनाई न हो।

यूपीएससी मॉडल को अपनाने की योजना

शिक्षा मंत्री ने यूपीएससी जैसी परीक्षा प्रणाली को अपनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

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  • क्या है यूपीएससी मॉडल?
    यह एक व्यापक और निष्पक्ष मूल्यांकन प्रणाली है।
  • लक्ष्य:
    • राज्य सरकारों और जिला प्रशासन के सहयोग से परीक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना।
    • छात्रों की क्षमता और कौशल का बेहतर आकलन करना।

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2025 की स्थिति

फिलहाल, सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं 2025 में 15 फरवरी से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेंगी।

  • इस साल परीक्षा प्रणाली में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है।
  • लेकिन आने वाले वर्षों में नई प्रणाली लागू होने से छात्रों को अधिक आधुनिक और अनुकूल शिक्षा प्रणाली का लाभ मिलेगा।

नई शिक्षा प्रणाली के फायदे

1. छात्रों का तनाव होगा कम

बोर्ड परीक्षा को साल में दो बार आयोजित करने से छात्रों पर एक साथ भारी दबाव नहीं पड़ेगा।

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2. नियमित पढ़ाई की आदत विकसित होगी

सेमेस्टर सिस्टम से छात्रों को सालभर नियमित रूप से पढ़ाई करने की प्रेरणा मिलेगी।

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3. निष्पक्ष और व्यापक मूल्यांकन

नई प्रणाली छात्रों के ज्ञान और कौशल का निष्पक्ष और व्यापक मूल्यांकन सुनिश्चित करेगी।

4. समग्र विकास पर ध्यान

नई शिक्षा प्रणाली छात्रों के शैक्षणिक और व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देगी।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत लाए जा रहे ये बदलाव छात्रों के भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। नई प्रणाली न केवल छात्रों पर दबाव कम करेगी, बल्कि उन्हें अपने कौशल और ज्ञान को सुधारने के अधिक अवसर भी प्रदान करेगी। यह कदम भारत की शिक्षा प्रणाली को आधुनिक, समावेशी और प्रभावी बनाने में मदद करेगा।

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आने वाले समय में छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को इस नई प्रणाली के साथ तालमेल बिठाने की आवश्यकता होगी। लेकिन एक बात तय है कि यह परिवर्तन शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक और दूरगामी प्रभाव डालेगा।

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