पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर व्यक्ति के जीवन में अहम भूमिका निभाती हैं। चाहे वह गाड़ियों के ईंधन के रूप में हो या परिवहन और उत्पादन लागत में, इनकी कीमतें सीधे तौर पर आम जनता और देश की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव डालती हैं। 14 जनवरी 2025 को जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। यह स्थिरता उपभोक्ताओं के लिए राहत की बात है।
कच्चे तेल की मौजूदा स्थिति
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें लगातार बदलती रहती हैं। वर्तमान में ब्रेंट क्रूड की कीमत 80.75 डॉलर प्रति बैरल और WTI क्रूड की कीमत 78.63 डॉलर प्रति बैरल है। यह कीमतें हाल ही में स्थिरता दिखा रही हैं, जिससे भारतीय बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी स्थिर बनी हुई हैं।
महानगरों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें राज्य सरकारों के टैक्स और अन्य कारकों के कारण अलग-अलग होती हैं। प्रमुख महानगरों में आज की कीमतें इस प्रकार हैं:
Also Read:

पेट्रोल की कीमतें:
- नई दिल्ली: ₹94.72 प्रति लीटर
- मुंबई: ₹104.21 प्रति लीटर
- कोलकाता: ₹103.94 प्रति लीटर
- चेन्नई: ₹100.75 प्रति लीटर
डीजल की कीमतें:
- नई दिल्ली: ₹87.62 प्रति लीटर
- मुंबई: ₹92.15 प्रति लीटर
- कोलकाता: ₹90.76 प्रति लीटर
- चेन्नई: ₹92.34 प्रति लीटर
यहां ध्यान देने वाली बात है कि हर राज्य में टैक्स के अलग-अलग ढांचे के कारण कीमतों में यह भिन्नता देखी जाती है।
कीमतें कैसे निर्धारित होती हैं?
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें पूरी तरह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर करती हैं। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी सरकारी तेल कंपनियां हर रोज सुबह 6 बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों को अपडेट करती हैं। इन कीमतों का निर्धारण निम्नलिखित कारकों पर होता है:
- कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें।
- रिफाइनिंग और परिवहन लागत।
- केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए टैक्स।
टैक्स का प्रभाव
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों का बड़ा हिस्सा टैक्स के रूप में होता है।
Also Read:

- केंद्रीय उत्पाद शुल्क (Excise Duty): यह केंद्र सरकार द्वारा लगाया जाता है।
- वैट (VAT): यह राज्य सरकारों द्वारा लगाया जाता है और हर राज्य में अलग होता है।
उदाहरण के लिए, दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें टैक्स के आधार पर अलग-अलग हो सकती हैं।
SMS के जरिए कीमतें जानने की सुविधा
अगर आप अपने क्षेत्र में पेट्रोल और डीजल की कीमतें जानना चाहते हैं, तो इंडियन ऑयल ने एक सरल SMS सेवा शुरू की है।
- आपको अपने मोबाइल से RSP कोड लिखकर 9224992249 पर भेजना होगा।
- इसके बाद, आपको अपने क्षेत्र की ताजा कीमतों की जानकारी मिल जाएगी।
यह सेवा उपभोक्ताओं को आसानी से अपनी जरूरत की जानकारी प्रदान करती है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों का महंगाई पर असर
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव का सीधा असर महंगाई पर पड़ता है।
- जब कीमतें बढ़ती हैं, तो परिवहन और उत्पादन लागत भी बढ़ जाती है।
- इसका परिणाम यह होता है कि रोजमर्रा की चीजें महंगी हो जाती हैं।
उदाहरण के लिए, फल, सब्जियां, और अन्य उपभोक्ता वस्तुएं जो ट्रांसपोर्ट के जरिए पहुंचती हैं, उनकी कीमतें बढ़ जाती हैं।
हाल की स्थिरता से मिली राहत
हाल के दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में स्थिरता देखी गई है। यह स्थिरता आम जनता और उद्योगों के लिए राहत लेकर आई है।
- उपभोक्ताओं को दैनिक खर्चों में कुछ स्थिरता महसूस हो रही है।
- उद्योगों को भी परिवहन लागत में स्थिरता का लाभ मिल रहा है।
कीमतें स्थिर रखने के फायदे
- आम जनता को राहत: ईंधन की स्थिर कीमतों से घर का बजट प्रभावित नहीं होता।
- औद्योगिक सुधार: परिवहन लागत में स्थिरता से उद्योगों को आर्थिक फायदा होता है।
- महंगाई पर नियंत्रण: ईंधन की कीमतों में स्थिरता महंगाई को नियंत्रित रखने में मदद करती है।
भविष्य की संभावनाएं
कच्चे तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय घटनाओं, उत्पादन स्तर, और भू-राजनीतिक परिस्थितियों पर निर्भर करती हैं। भारत सरकार और तेल कंपनियां इन परिस्थितियों के अनुसार अपनी नीतियां बनाती हैं।
अगर कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं, तो पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी स्थिर बनी रह सकती हैं।
पेट्रोल और डीजल की कीमतें केवल ईंधन का खर्च नहीं हैं; यह आम जनता के जीवन और देश की अर्थव्यवस्था को गहराई से प्रभावित करती हैं। आज की स्थिर कीमतें उपभोक्ताओं के लिए राहत की बात हैं, लेकिन यह स्थिरता कितने समय तक बनी रहेगी, यह अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर करता है।
Also Read:

इसलिए, उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे अपनी ईंधन खपत को बेहतर तरीके से प्रबंधित करें और जरूरत पड़ने पर वैकल्पिक ईंधन विकल्पों पर विचार करें। वहीं, सरकार और तेल कंपनियों को भी चाहिए कि वे उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए स्थिर और पारदर्शी नीतियां अपनाएं।